झामुमो को है महतो जाति से नए चेहरे की तलाश

दूसरी तरफ महागठबंधन में अब तक सीट शेयरिंग और प्रत्याशी के नाम पर फैसला नहीं हुआ है। कांग्रेस और झामुमो के नेता टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। जमशेदपुर सीट की खासियत यह है कि यहां महतो (कुर्मी) मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। सात बार महतो प्रत्याशी चुनाव जीत चुके हैं।झामुमो ने जमशेदपुर सीट पर अपना दावा ठोका है। साथ ही प्रत्याशी के लिए ऐसा चेहरा ढूंढ रहा है जो महतो जाति का हो। ऐसे में आस्तिक महतो प्रबल दावेदार के रूप में सामने आ रहे हैं। आस्तिक महतो 2019 के लोकसभा चुनाव में भी टिकट के प्रबल दावेदार थे।

अंतिम समय में चम्पाई सोरेन को टिकट थमा दिया गया। नतीजा यह हुआ कि उन्हें बिद्युत बरन महतो से तीन लाख से अधिक वोट के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। बिद्युत बरन महतो को 678934 वोट मिले थे, जबकि चम्पाई को 377352 वोट से ही संतोष करना पड़ा था।

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